Friday, 9 September 2016

माँ ने नया बाप दिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और मेरी उम्र 18 है। antarvasna Kamukta hindi sex indian sex chudai Kahani में लखनऊ का रहने वाला हूँ। दोस्तों में आज आप सभी को अपने घर की एक सच्ची दास्तान सुनाने जा रहा हूँ जो एकदम सच्ची है और वो मेरी माँ की कहानी है जिसने एक ही बार में सब कुछ बदलकर रख दिया। दोस्तों मुझे कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों एक दिन मेरे घर में भी कुछ ऐसा घटित हुआ जिसको में आज आपको बताऊंगा, लेकिन पहले में बहुत डरता था, लेकिन अब में बिल्कुल निडर होकर आप सभी को यह सच्चाई बता रहा हूँ यह कोई झूटी कहानी नहीं है और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ।
दोस्तों यह दास्तान दो साल पहले घटित हुई थी। मेरी माँ का नाम सरिता है और उनकी उम्र 33 साल, रंग गोरा और मेरे परिवार में हम 4 लोग रहते है। माँ, पिताजी में और मेरी दादी। दोस्तों उस समय मेरे पिताजी कपड़ो के एक बहुत बड़े शोरुम में काम किया करते थे और उन्ही की कमाई से हम लोगों का गुज़ारा हुआ करता था और हमारे दिन बहुत अच्छे कट रहे थे और में उस समय 12th क्लास में पढ़ता था। (दोस्तों यह बात दीवाली की उस रात से शुरू हुई जिसने हमारा जीवन बदल दिया) तो दीवाली वाले दिन मेरे पिताजी अपने बॉस को रात में हमारे घर पर लेकर आ गये जो शोरुम का मलिक था और मेरे पिताजी उनके पास नौकरी किया करते थे।

तो पिता ने घर में घुसते ही मेरी माँ से बहुत प्यार भरी आवाज से कहा कि सरिता खाने पीने का सामान लगाओ और फिर मेरी माँ ने जल्दी से एक ट्रे में खाने का सामान लगा दिया और उनके सामने एक टेबल पर रख दिया और वो खुद दूर खड़ी हो गई। मेरे पिताजी के बॉस का नाम राकेश है और फिर खाने पीने के बाद राकेश ने मेरी माँ से उनके बनाए हुए खाने की तारीफ की और उसने कहा कि भाभी आप जैसी बीवी सबको मिले और यह बात कहकर पिताजी और राकेश दोनों हंसने लगे और फिर राकेश वहां से चले गए। दूसरे दिन दोपहर को जब में अपने स्कूल से घर आया तो वैसे ही राकेश अंकल भी अपनी बाईक से मेरे घर पर आ गए, लेकिन में उनसे पहले घर के अंदर चला गया और मैंने देखा कि वो मेरी माँ के लिए दीवाली के अवसर पर कुछ मिठाई और तोहफा लेकर आए थे। तो माँ ने उनसे मना किया, लेकिन उनके बहुत देर तक कहने के बाद रख लिया। फिर माँ और राकेश के बीच में कुछ देर बातें हुई और फिर वो चला गया। तो दूसरे दिन में सुबह उठा और मेरा उस दिन स्कूल जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था, लेकिन मुझे पिताजी ने जबरदस्ती भेज दिया।

फिर में स्कूल गया तो मुझे वहां पर पहुंचकर पता चला कि मेरे एक टीचर की म्रत्यु हो गई है और इस वजह से प्रार्थना करवाकर एक घंटे बाद सब बच्चो को छुट्टी दे दी गई। जब में अपने घर पर आया तो तब मैंने देखा कि राकेश अंकल की बाईक बाहर खड़ी हुई है और में समझ गया कि जरुर आज भी अंकल मेरे घर पर आए होंगे, लेकिन जब में अंदर गया तो मैंने उन्हे देखा मुझे वहां पर कोई भी नहीं दिखाई दिया और में माँ के रूम के पास चला गया। मैंने धीरे से बिना आहट के धक्का दिया, लेकिन रूम अंदर से लॉक था तो में दूसरी तरफ से खिड़की की तरफ चला गया और जब मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा तो मेरी माँ और राकेश दोनों ही अंदर मोज़ूद थे और अब मैंने देखा कि राकेश मेरी माँ के बूब्स दबा रहा था। में यह सब देखकर बहुत डर गया और में बहुत चकित था। मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ कि अंदर यह सब क्या चल रहा है। में यह सब क्या देख रहा हूँ। मैंने कभी भी अपनी माँ से इन सब कामों की उम्मीद नहीं की थी। फिर मैंने देखा कि माँ उसका विरोध कर रही थी, लेकिन फिर भी राकेश रुक नहीं रहा था और अब राकेश ने माँ को एक ज़ोरदार स्मूच लिया तो माँ एकदम हिल गई। फिर राकेश ने एक एक करके माँ की साड़ी और उसके कपड़े उतार दिए। माँ अब उसके सामने ब्रा, पेंटी में लेटी हुई थी। दोस्तों मैंने पहली बार माँ को इस अजीब हालत में देखा था। जिसकी वजह से मेरे पैर एक जगह जम गए थे और फिर राकेश अंकल ने माँ की ब्रा को भी उतार दिया तो मैंने देखा कि उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे जो अब ब्रा से बाहर आने के बाद बहुत सुंदर दिखाई दे रहे थे। फिर वो बूब्स को एक एक करके चूसने लगा और बुरी तरह से मसलने लगा। माँ शरम के मारे अपने दोनों हाथ अपनी आखों पर रखकर लेटी हुई थी और अब राकेश ने माँ के दोनों बूब्स को दबा दबाकर बिल्कुल लाल कर दिया था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है

फिर राकेश अंकल अब उन्हे ऐसे ही छोड़कर जल्दी से बाथरूम में चले गये और करीब दो मिनट के बाद सिर्फ़ अंडरवियर में वापस आए और उन्होंने बेड पर चड़कर एक ही झटके में माँ की पेंटी को उतार दिया। माँ शरम से अपनी चूत को एक हाथ से ढकने लगी, लेकिन अंकल ने माँ के हाथ को धीरे से हटाया और चूत को चाटना शुरू कर दिया। माँ तड़पने लगी और फिर राकेश अंकल ने अपनी अंडरवियर को उतारा तो अंडरवियर के अंदर से कम से कम 8 इंच लंबा लंड निकला और माँ उसे देखकर एकदम से डर गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। अंकल ने माँ के होंठ पर किस करके उनसे पूछा कि क्यों तुम्हारे पति का कितना बड़ा है? माँ ने कहा कि उनका तो इससे बहुत छोटा है और वो फिर से रोने लगी और कहने लगी कि मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो, में यह सब नहीं कर सकती, यह बहुत गलत है। फिर अंकल उठे और उन्होंने माँ की एक भी बात नहीं सुनी और उन्होंने उनके दोनों पैर फैलाए और अपना लंड चूत के गुलाबी होंठो पर रगड़कर लंड को गीला कर लिया। में यह सब देखकर जल्दी ही समझ गया कि अब माँ की बेंड बजने वाली है। फिर अंकल ने एक ज़ोर का झटका मारा और उनका आधा लंड अंदर घुस गया, लेकिन माँ इतने ज़ोर से चीखी कि में एकदम से डर गया और मुझे भी रोना आ गया और अब माँ को इतने दुःख दर्द में देखकर मुझे बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन राकेश अंकल ने माँ के दोनों हाथ पकड़ रखे थे और पैरों को फंसा रखा था, जिसकी वजह से माँ बिल्कुल भी हिल नहीं पा रही थी।

फिर अंकल ने एक और ज़ोर का झटका मारा तो अब की बार माँ का पेशाब ही बाहर निकल गया और माँ ने कोई विरोध नहीं किया और माँ एकदम बेहोश हो गयी थी, लेकिन फिर भी वो ज़ालिम नहीं रुका और आने वाले बीस मिनट तक उसने माँ की चूत को बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा और फिर अपना सारा वीर्य माँ की चूत में भर दिया और अपना लंड चूत से बाहर निकालकर चूत के छेद में रुई को घुसा दिया, जिससे वीर्य वापस बाहर ना आए। फिर वो माँ को लेटाकर उनके पास सो गया और एक घंटे तक में भी वहीं पर बैठा रहा। फिर जब माँ को होश आया तो माँ हड़बड़ाकर उठी, वो रोने लगी और फिर राकेश अंकल भी उठ गये। माँ उनसे कहने लगी कि यह आपने क्या कर दिया? मैंने अपने पति को धोखा दे दिया, कहीं में गर्भवती हो गयी तो मेरे पति मुझे मार ही डालेगें और जब माँ की नज़र नीचे अपनी चूत पर गयी तो माँ ने जल्दी से उस कॉटन को बाहर निकाल दिया, लेकिन अब तक वो सारा वीर्य चूत के अंदर जा चुका था। फिर राकेश ने माँ को बहुत देर तक समझाया और कहा कि सरिता में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुमसे शादी भी करूंगा और तुम्हारे होने वाले बच्चे को अपना नाम भी दूंगा, लेकिन तुम सबसे पहले अपने पति को तलाक़ दे दो। में तुम्हे बहुत खुश रखूंगा और तुम्हे वो सब कुछ दूँगा जो तुम्हारे पति की तुम्हे देने की औकात नहीं है। फिर माँ ने कुछ देर सोचा और फिर माँ मान गई और अब माँ ने उनसे कहा कि लेकिन यह सब होगा कैसे? तो अंकल ने कहा कि तुम वो सब मुझ पर छोड़ दो। फिर वो दोनों एक दूसरे के गले लगे और फिर राकेश अंकल वहां से चले गये और ऐसे ही दिन बीतते चले गये, लेकिन इस दौरान माँ को राकेश अंकल ने बहुत बार चोदा और फिर माँ गर्भवती हो गयी। फिर माँ ने राकेश अंकल को फोन करके बताया कि वो उनके बच्चे की माँ बनने वाली है। तो एक दिन वो घर पर आकर माँ को अपने साथ ले गए और माँ साथ में मुझे भी ले गई और फिर माँ ने राकेश अंकल के घर पर पहुंचकर मुझसे कहा कि देखो बेटा अब में राकेश अंकल से शादी कर रही हूँ, क्योंकि तुम्हारे पापा बहुत बुरे है, उन्होंने तुम्हे कभी कुछ नहीं दिया, लेकिन अब राकेश तुम्हे वो सब कुछ देंगे।

फिर उसी शाम को जब मेरे पिताजी घर पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि घर पर ना में हूँ और ना माँ है, सिर्फ़ दादी ही अकेली थी तो दादी ने पिताजी को सब कुछ बता दिया कि तुम्हारा बॉस आदित्य और सरिता को अपने साथ ले गया है। फिर पिताजी राकेश अंकल के घर पर आए और उन्होंने घंटी बजाई राकेश अंकल ने दरवाज़ा खोला, पिता ने कहा कि मेरी बीवी कहाँ है? अंकल ने कहा कि यहीं है और माँ को आवाज देकर बाहर बुलाया माँ एकदम डर गई तो अंकल ने कहा कि देखो यह अब मुझसे शादी करने जा रही है और मेरे बच्चे की माँ भी बनने वाली है। तो पिताजी को उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से झटका लगा और फिर वो रोते हुए वहां से अपने घर पर चले गये। फिर दो दिन में राकेश अंकल ने माँ का पिताजी से तलाक करवा दिया और माँ से शादी कर ली और अब में भी अपने नये पापा के साथ रहता हूँ और अब यहाँ पर माँ और में बहुत खुश रहते है। कुछ दिनों के बाद माँ ने मेरे एक छोटे से भाई को जन्म दिया ।।

धन्यवाद …

2 comments:

  1. Koi mere bibi ko pel sakta hai. Apni bibi ko mai pelwana chahata hu mote kale 12 inch ke lund se.

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  2. Mai apni bibi ki cockhold husband hu apni bibi ko 4 lund se pelwana chahata hu koi mere bibi ko pel sakta hai

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