मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेकिन फिर जैसे-जैसे बड़े होते गए तो अलग-अलग रहने लगे।
मतलब अब साथ सोना उठना-बैठना कम होता था। बस जैसी बाते सारे घरों में होती हैं, वैसी हम में भी होती हैं।
मेरा मन कम उम्र से ही लड़की चोदने का करने लगा था लेकिन कभी कोई मिली नहीं। बचपन में मैं बहन के साथ खूब मस्ती करता था। उसके ऊपर चढ़ जाना उसके बुब्बू दबाना आदि चलता रहता था।
उसे कुछ समझ नहीं आता था। वो भी मेरे साथ वैसे ही करती थी। लेकिन उसके थोड़े-थोड़े निम्बू की तरह चूची निकल आई थी,
मतलब अब साथ सोना उठना-बैठना कम होता था। बस जैसी बाते सारे घरों में होती हैं, वैसी हम में भी होती हैं।
मेरा मन कम उम्र से ही लड़की चोदने का करने लगा था लेकिन कभी कोई मिली नहीं। बचपन में मैं बहन के साथ खूब मस्ती करता था। उसके ऊपर चढ़ जाना उसके बुब्बू दबाना आदि चलता रहता था।
उसे कुछ समझ नहीं आता था। वो भी मेरे साथ वैसे ही करती थी। लेकिन उसके थोड़े-थोड़े निम्बू की तरह चूची निकल आई थी,